


संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष विराम के लिए प्रस्ताव पर मतदान से भारत ने दूरी बनाई। स्पेन द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा संघर्ष विराम को लेकर प्रस्ताव लाया गया था। 193 सदस्यीय महासभा में भारी बहुमत से प्रस्ताव को पारित किया गया। प्रस्ताव के समर्थन में 149 वोट पड़े, जबकि 12 देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। भारत उन 19 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। इस पर अब देश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि भारत की विदेश नीति खस्ताहाल है।
मोदी सरकार ने सैद्धांतिक रूख को त्याग दिया
कांग्रेस ने भारत सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने गाजा संघर्ष विराम प्रस्ताव से भारत के दूर रहने पर कहा- मोदी सरकार में भारत की विदेश नीति खस्ताहाल है। क्या मोदी सरकार ने युद्ध, नरसंहार और इंसाफ के खिलाफ अपने सैद्धांतिक रूख को त्याग दिया है।
भारत एकमात्र ऐसा देश: केसी वेणुगोपाल
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारत हमेशा शांति, न्याय और मानवीय गरिमा के साथ खड़ा रहा है, लेकिन आज भारत दक्षिण एशिया, ब्रिक्स और शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन में ऐसा देश है, जिसने प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है। गाजा संघर्ष में 60 हजार लोग मारे गए हैं। उनमें से ज्यादातर महिलाएं व बच्चे थे। हजारों लोग भूख से मारे जा रहे हैं। मानवीय तबाही सामने खड़ी है।
भारत के रुख से प्रियंका निराश
भारत के रुख पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने निराशा जताई है। प्रियंका ने कहा कि यह भारत की उपनिवेशवाद विरोधी विरासत का दुखद उलटफेर है। हम न केवल नेतन्याहू द्वारा पूरे देश को नष्ट किए जाने पर चुप हैं, बल्कि हम उनकी सरकार द्वारा ईरान पर हमला किए जाने की खुशी मना रहे हैं। यह सभी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पूरी तरह से उल्लंघन है। उन्होंने मोदी सरकार से पूछा कि हम एक राष्ट्र के रूप में अपने संविधान और स्वतंत्रता संग्राम के सिद्धांतों के मूल्यों को कैसे त्याग सकते हैं।